Saturday, June 20, 2015















Tuesday, April 14, 2015

व्यक्तिगत परिचय

जयराम शुक्ल पता -

8225812813 भोपाल- एल 94, हर्षवर्धन नगर

jairamshuklarewa@gmail.com रीवा- 1/22।/10 इन्दिरा नगर

पत्रकारिता व लेखन के क्षेत्र में : 1985 से अब तक 30 वर्ष

वर्तमान

संपादक : चरैवेति (वैचारिक मासिक)

पं. दीनदयाल विचार प्रकाशन भोपाल, मप्र

पूर्व में

स्वतंत्र लेखन व स्ट्रिंगर

समूह संपादक : पीपुल्स समाचार, भोपाल मप्र

संपादक : स्टार समाचार, सतना-भोपाल

संपादक : दैनिक देशबन्धु, सतना-भोपाल-रायपुर

समाचार संपादक : दैनिक भास्कर, भोपाल-जबलपुर

जनसत्ता में : 1985 से 1996 तक

यूएनआई : 1997 से 2002 तक

पीटीआई : 2002 से 2005 तक

प्रतिष्ठित दैनिक आज, स्वतंत्र मत में लंबे समय तक स्तंभ लेखन। तत्कालीन समाचार पत्रिकाओं रविवार,

माया में विशेष रिपोर्टिंग- आलेख।

चर्चित स्तंभ -

प्रकाशन -

फेलोशिप -

- सांच कहै ता मारन धावै

- वस्तुत:

- नारद की डायरी

:: पुनरोदय का संघर्ष: विन्ध्यप्रदेश

:: सफेद बाघ की कहानी (प्रकाशनाधीन)

:: सांच कहै ता मारन धावै (प्रकाशनाधीन)

:: वस्तुत: (संपादकीय टिप्पणीयों का संग्रह)

- सेन्टर फॉर साइन्स एवं इनवायरनमेंट नई दिल्ली की नेशनल जर्नलिस्ट

फेलोशिप - 1988

- सिंगरौली में विस्थापन के अध्ययन हेतु

- विकास संवाद सीनियर जर्नलिस्ट फेलोशिप (2013)

समाज सेवा के क्षेत्र में

 समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य क्षेत्र मुख्यत: विन्ध्य केन्द्रित रहा है।

 चित्रकूट की चिन्ता/रामवनगमन पथ। सद्यनीरा मंदाकिनी संरक्षण अभियन हेतु- लगातार 28

दिनों तक विशेष रिपोर्टिंग। प्रत्येक तथ्यों को खोजकर अखबारों के माध्यम से सामने रखा।

परिणामस्वरूप नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने स्वमेव संज्ञान लिया। मप्र शासन ने चित्रकूट व

मंदाकिनी के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई। आज उक्त अभियान एक जन आंदोलन का रूप ले

चुका है।

 मां शारदा मैहर की पहाड़ी के क्षरण रोकने व संरक्षण हेतु विशेष अभियान चलाया। परिणामत:

कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिल्टी के तहत स्थानीय प्रशासन संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है।

 सिंगरौली में विस्थापना की समस्या और उसके समाधान हेतु विशेष लेखकीय अभियान।

 अमरकंटक में अतिक्रमण, माँ नर्मदा के प्रदूषण व आदिवासी शिक्षा को लेकर विशेष लेखकीय

मुहिम शुरू की। इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक

अभियान चलाया व मुकाम तक पहुंचाया।

 वर्ष 1986 से रीवा में शांति मैराथन की शुरूआत की। प्रतिवर्ष 1 जनवरी को होने वाली यह

शांति मैराथन लगभग 10 से 15 हजार लोगों की भागीदारी के साथ आज भी अनवरत चल रही

है। प्रतिवर्ष मैराथन किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को समर्पित होती है। वर्ष 2015 की शांति

मैराथन को स्वस्थ भारत-स्वच्छ भारत के नाम समर्पित किया।

 रीवा में प्रतिवर्ष बघेलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन में निर्देशक के तौर पर भागीदारी।

श्रेष्ठ विभूतियों को प्रतिवर्ष विन्ध्य शिखर सम्मान व साहित्य के अन्य पुरस्कार।

 वर्ष 2015 में 1 से 5 अप्रैल तक आयोजित विन्ध्य महोत्सव के मूल योजनाकार। मप्र शासन ने

इसे अब अपने सांस्कृतिक कलेन्डर में भी शामिल किया है।

 वर्ष 1989 में रीवा में अखिल भारतीय साहित्यिक महाकुंभ के संयोजक इस समारोह में देशभर

से 1000 सेज्यादा साहित्यकारों व रचनाधर्मियों ने भाग लिया था।

 गृह गांव बड़ी हर्दी तहसील सिरमौर जिला रीवा की विद्यालय को ग्रामवासियों, छात्रों,

अध्यापकों की जनभागीदारी व प्रशासन के सहयोग से आदर्श विद्यालय का स्वरूप देना, यह

विद्यालय प्रकारान्तर में शासनाधीन हुई। रीवा संभाग में सर्वसुविधायुक्त यह श्रेष्ठ ग्रामीण उच्चतर

माध्यमिक विद्यालय है।

 ग्रामीण छात्रों को तैराकी प्रशिक्षण की व्यवस्था हेतु देश के पहले ग्रामीण तरणताल हेतु पहल की।

भैरूलाल पाटीदार ने किया था।

 मेरे सहोदर व देश के प्रथम अर्जुन पुरस्कार विजेता ओलंपियन कैप्टन बजरंगी प्रसाद जी द्वारा

प्रशिक्षित- साधारण, गरीब, दलित परिवारों के डेढ़ सौ बच्चों ने अब तक तैराकी की राष्ट्रीय स्तर

की स्पर्धाओं में भाग लिया।

खेल के क्षेत्र में

 ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडिय़ों को अवसर देने हेतु समय-समय पर खेल संघों द्वारा चयन शिविर का

 १९८९ में मध्यप्रदेश स्टेट ओपन एम्योचोर एथलेटिक्स मीट के आयोजक सचिव रहे।

 १९९३ में मध्यप्रदेश स्टेट ओपन एक्वेटिक मीट के आयोजक सचिव व इसी वर्ष बैग्लोर की नेशनल

अभिरूचि

 वन प्रान्तर का भ्रमण आदिवासी जन जीवन- वन्य जीव व पर्यावरण का अध्ययन।

 अखबारों/पत्रिकाओं में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व समसामयिक मुद्दों पर आलेख व

स्तंभ लिखना।

 पौराणिक गं्रथों व मध्ययुगीन कवियों की रचनाओं का पुनर्पाठ

 नए-नए व्यंजन बनाना व बागवानी

 नई पुस्तकों का अध्ययन व विवेचन

 इंटरनेट एक्सप्लोटेशन एन्ड सर्फिंग

 नियमित ब्लॉग लिखना

सोशल मीडिया

इस तरणताल का उद्घाटन 1992 में तत्कालीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री स्व. श्री

आयोजन।

एक्वेटिक चैम्पियनशिप के लिए मप्र तैराकी टीम के जनरल मैनेजर।

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शैक्षिक योग्यता -

एम.ए. (मध्ययुगीन इतिहास)

एल.एल.बी.

बी.एससी

बीजेसी (जर्नलिज्म एन्ड कम्युनिकेशन)

परिवार -

जन्म तिथि - १०.०५.१९६१

पिता - स्व. श्री राममणि शुक्ल

माता - स्व. श्रीमती  सावित्री देवी

पत्नी -  श्रीमती शशि शुक्ला (शिक्षिका)

पुत्र -  कार्तिकेय शुक्ल (ढ्ढढ्ढढ्ढञ्ज में अध्ययनरत)

पुत्री - कीर्ति शिखा (विवाहित)

ज्योति शिखा (विवाहित)