व्यक्तिगत परिचय
जयराम शुक्ल पता -
8225812813 भोपाल- एल 94, हर्षवर्धन नगर
jairamshuklarewa@gmail.com रीवा- 1/22।/10 इन्दिरा नगर
पत्रकारिता व लेखन के क्षेत्र में : 1985 से अब तक 30 वर्ष
वर्तमान
संपादक : चरैवेति (वैचारिक मासिक)
पं. दीनदयाल विचार प्रकाशन भोपाल, मप्र
पूर्व में
स्वतंत्र लेखन व स्ट्रिंगर
समूह संपादक : पीपुल्स समाचार, भोपाल मप्र
संपादक : स्टार समाचार, सतना-भोपाल
संपादक : दैनिक देशबन्धु, सतना-भोपाल-रायपुर
समाचार संपादक : दैनिक भास्कर, भोपाल-जबलपुर
जनसत्ता में : 1985 से 1996 तक
यूएनआई : 1997 से 2002 तक
पीटीआई : 2002 से 2005 तक
प्रतिष्ठित दैनिक आज, स्वतंत्र मत में लंबे समय तक स्तंभ लेखन। तत्कालीन समाचार पत्रिकाओं रविवार,
माया में विशेष रिपोर्टिंग- आलेख।
चर्चित स्तंभ -
प्रकाशन -
फेलोशिप -
- सांच कहै ता मारन धावै
- वस्तुत:
- नारद की डायरी
:: पुनरोदय का संघर्ष: विन्ध्यप्रदेश
:: सफेद बाघ की कहानी (प्रकाशनाधीन)
:: सांच कहै ता मारन धावै (प्रकाशनाधीन)
:: वस्तुत: (संपादकीय टिप्पणीयों का संग्रह)
- सेन्टर फॉर साइन्स एवं इनवायरनमेंट नई दिल्ली की नेशनल जर्नलिस्ट
फेलोशिप - 1988
- सिंगरौली में विस्थापन के अध्ययन हेतु
- विकास संवाद सीनियर जर्नलिस्ट फेलोशिप (2013)
समाज सेवा के क्षेत्र में
समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य क्षेत्र मुख्यत: विन्ध्य केन्द्रित रहा है।
चित्रकूट की चिन्ता/रामवनगमन पथ। सद्यनीरा मंदाकिनी संरक्षण अभियन हेतु- लगातार 28
दिनों तक विशेष रिपोर्टिंग। प्रत्येक तथ्यों को खोजकर अखबारों के माध्यम से सामने रखा।
परिणामस्वरूप नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने स्वमेव संज्ञान लिया। मप्र शासन ने चित्रकूट व
मंदाकिनी के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई। आज उक्त अभियान एक जन आंदोलन का रूप ले
चुका है।
मां शारदा मैहर की पहाड़ी के क्षरण रोकने व संरक्षण हेतु विशेष अभियान चलाया। परिणामत:
कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिल्टी के तहत स्थानीय प्रशासन संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है।
सिंगरौली में विस्थापना की समस्या और उसके समाधान हेतु विशेष लेखकीय अभियान।
अमरकंटक में अतिक्रमण, माँ नर्मदा के प्रदूषण व आदिवासी शिक्षा को लेकर विशेष लेखकीय
मुहिम शुरू की। इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक
अभियान चलाया व मुकाम तक पहुंचाया।
वर्ष 1986 से रीवा में शांति मैराथन की शुरूआत की। प्रतिवर्ष 1 जनवरी को होने वाली यह
शांति मैराथन लगभग 10 से 15 हजार लोगों की भागीदारी के साथ आज भी अनवरत चल रही
है। प्रतिवर्ष मैराथन किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को समर्पित होती है। वर्ष 2015 की शांति
मैराथन को स्वस्थ भारत-स्वच्छ भारत के नाम समर्पित किया।
रीवा में प्रतिवर्ष बघेलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन में निर्देशक के तौर पर भागीदारी।
श्रेष्ठ विभूतियों को प्रतिवर्ष विन्ध्य शिखर सम्मान व साहित्य के अन्य पुरस्कार।
वर्ष 2015 में 1 से 5 अप्रैल तक आयोजित विन्ध्य महोत्सव के मूल योजनाकार। मप्र शासन ने
इसे अब अपने सांस्कृतिक कलेन्डर में भी शामिल किया है।
वर्ष 1989 में रीवा में अखिल भारतीय साहित्यिक महाकुंभ के संयोजक इस समारोह में देशभर
से 1000 सेज्यादा साहित्यकारों व रचनाधर्मियों ने भाग लिया था।
गृह गांव बड़ी हर्दी तहसील सिरमौर जिला रीवा की विद्यालय को ग्रामवासियों, छात्रों,
अध्यापकों की जनभागीदारी व प्रशासन के सहयोग से आदर्श विद्यालय का स्वरूप देना, यह
विद्यालय प्रकारान्तर में शासनाधीन हुई। रीवा संभाग में सर्वसुविधायुक्त यह श्रेष्ठ ग्रामीण उच्चतर
माध्यमिक विद्यालय है।
ग्रामीण छात्रों को तैराकी प्रशिक्षण की व्यवस्था हेतु देश के पहले ग्रामीण तरणताल हेतु पहल की।
भैरूलाल पाटीदार ने किया था।
मेरे सहोदर व देश के प्रथम अर्जुन पुरस्कार विजेता ओलंपियन कैप्टन बजरंगी प्रसाद जी द्वारा
प्रशिक्षित- साधारण, गरीब, दलित परिवारों के डेढ़ सौ बच्चों ने अब तक तैराकी की राष्ट्रीय स्तर
की स्पर्धाओं में भाग लिया।
खेल के क्षेत्र में
ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडिय़ों को अवसर देने हेतु समय-समय पर खेल संघों द्वारा चयन शिविर का
१९८९ में मध्यप्रदेश स्टेट ओपन एम्योचोर एथलेटिक्स मीट के आयोजक सचिव रहे।
१९९३ में मध्यप्रदेश स्टेट ओपन एक्वेटिक मीट के आयोजक सचिव व इसी वर्ष बैग्लोर की नेशनल
अभिरूचि
वन प्रान्तर का भ्रमण आदिवासी जन जीवन- वन्य जीव व पर्यावरण का अध्ययन।
अखबारों/पत्रिकाओं में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व समसामयिक मुद्दों पर आलेख व
स्तंभ लिखना।
पौराणिक गं्रथों व मध्ययुगीन कवियों की रचनाओं का पुनर्पाठ
नए-नए व्यंजन बनाना व बागवानी
नई पुस्तकों का अध्ययन व विवेचन
इंटरनेट एक्सप्लोटेशन एन्ड सर्फिंग
नियमित ब्लॉग लिखना
सोशल मीडिया
इस तरणताल का उद्घाटन 1992 में तत्कालीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री स्व. श्री
आयोजन।
एक्वेटिक चैम्पियनशिप के लिए मप्र तैराकी टीम के जनरल मैनेजर।
www.facebook.com/jayram.shukla
@jayram_shukla
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jayramshukla.blogspot.com
darasal.blogspot.com
शैक्षिक योग्यता -
एम.ए. (मध्ययुगीन इतिहास)
एल.एल.बी.
बी.एससी
बीजेसी (जर्नलिज्म एन्ड कम्युनिकेशन)
परिवार -
जन्म तिथि - १०.०५.१९६१
पिता - स्व. श्री राममणि शुक्ल
माता - स्व. श्रीमती सावित्री देवी
पत्नी - श्रीमती शशि शुक्ला (शिक्षिका)
पुत्र - कार्तिकेय शुक्ल (ढ्ढढ्ढढ्ढञ्ज में अध्ययनरत)
पुत्री - कीर्ति शिखा (विवाहित)
ज्योति शिखा (विवाहित)
जयराम शुक्ल पता -
8225812813 भोपाल- एल 94, हर्षवर्धन नगर
jairamshuklarewa@gmail.com रीवा- 1/22।/10 इन्दिरा नगर
पत्रकारिता व लेखन के क्षेत्र में : 1985 से अब तक 30 वर्ष
वर्तमान
संपादक : चरैवेति (वैचारिक मासिक)
पं. दीनदयाल विचार प्रकाशन भोपाल, मप्र
पूर्व में
स्वतंत्र लेखन व स्ट्रिंगर
समूह संपादक : पीपुल्स समाचार, भोपाल मप्र
संपादक : स्टार समाचार, सतना-भोपाल
संपादक : दैनिक देशबन्धु, सतना-भोपाल-रायपुर
समाचार संपादक : दैनिक भास्कर, भोपाल-जबलपुर
जनसत्ता में : 1985 से 1996 तक
यूएनआई : 1997 से 2002 तक
पीटीआई : 2002 से 2005 तक
प्रतिष्ठित दैनिक आज, स्वतंत्र मत में लंबे समय तक स्तंभ लेखन। तत्कालीन समाचार पत्रिकाओं रविवार,
माया में विशेष रिपोर्टिंग- आलेख।
चर्चित स्तंभ -
प्रकाशन -
फेलोशिप -
- सांच कहै ता मारन धावै
- वस्तुत:
- नारद की डायरी
:: पुनरोदय का संघर्ष: विन्ध्यप्रदेश
:: सफेद बाघ की कहानी (प्रकाशनाधीन)
:: सांच कहै ता मारन धावै (प्रकाशनाधीन)
:: वस्तुत: (संपादकीय टिप्पणीयों का संग्रह)
- सेन्टर फॉर साइन्स एवं इनवायरनमेंट नई दिल्ली की नेशनल जर्नलिस्ट
फेलोशिप - 1988
- सिंगरौली में विस्थापन के अध्ययन हेतु
- विकास संवाद सीनियर जर्नलिस्ट फेलोशिप (2013)
समाज सेवा के क्षेत्र में
समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य क्षेत्र मुख्यत: विन्ध्य केन्द्रित रहा है।
चित्रकूट की चिन्ता/रामवनगमन पथ। सद्यनीरा मंदाकिनी संरक्षण अभियन हेतु- लगातार 28
दिनों तक विशेष रिपोर्टिंग। प्रत्येक तथ्यों को खोजकर अखबारों के माध्यम से सामने रखा।
परिणामस्वरूप नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने स्वमेव संज्ञान लिया। मप्र शासन ने चित्रकूट व
मंदाकिनी के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई। आज उक्त अभियान एक जन आंदोलन का रूप ले
चुका है।
मां शारदा मैहर की पहाड़ी के क्षरण रोकने व संरक्षण हेतु विशेष अभियान चलाया। परिणामत:
कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिल्टी के तहत स्थानीय प्रशासन संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है।
सिंगरौली में विस्थापना की समस्या और उसके समाधान हेतु विशेष लेखकीय अभियान।
अमरकंटक में अतिक्रमण, माँ नर्मदा के प्रदूषण व आदिवासी शिक्षा को लेकर विशेष लेखकीय
मुहिम शुरू की। इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक
अभियान चलाया व मुकाम तक पहुंचाया।
वर्ष 1986 से रीवा में शांति मैराथन की शुरूआत की। प्रतिवर्ष 1 जनवरी को होने वाली यह
शांति मैराथन लगभग 10 से 15 हजार लोगों की भागीदारी के साथ आज भी अनवरत चल रही
है। प्रतिवर्ष मैराथन किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को समर्पित होती है। वर्ष 2015 की शांति
मैराथन को स्वस्थ भारत-स्वच्छ भारत के नाम समर्पित किया।
रीवा में प्रतिवर्ष बघेलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन में निर्देशक के तौर पर भागीदारी।
श्रेष्ठ विभूतियों को प्रतिवर्ष विन्ध्य शिखर सम्मान व साहित्य के अन्य पुरस्कार।
वर्ष 2015 में 1 से 5 अप्रैल तक आयोजित विन्ध्य महोत्सव के मूल योजनाकार। मप्र शासन ने
इसे अब अपने सांस्कृतिक कलेन्डर में भी शामिल किया है।
वर्ष 1989 में रीवा में अखिल भारतीय साहित्यिक महाकुंभ के संयोजक इस समारोह में देशभर
से 1000 सेज्यादा साहित्यकारों व रचनाधर्मियों ने भाग लिया था।
गृह गांव बड़ी हर्दी तहसील सिरमौर जिला रीवा की विद्यालय को ग्रामवासियों, छात्रों,
अध्यापकों की जनभागीदारी व प्रशासन के सहयोग से आदर्श विद्यालय का स्वरूप देना, यह
विद्यालय प्रकारान्तर में शासनाधीन हुई। रीवा संभाग में सर्वसुविधायुक्त यह श्रेष्ठ ग्रामीण उच्चतर
माध्यमिक विद्यालय है।
ग्रामीण छात्रों को तैराकी प्रशिक्षण की व्यवस्था हेतु देश के पहले ग्रामीण तरणताल हेतु पहल की।
भैरूलाल पाटीदार ने किया था।
मेरे सहोदर व देश के प्रथम अर्जुन पुरस्कार विजेता ओलंपियन कैप्टन बजरंगी प्रसाद जी द्वारा
प्रशिक्षित- साधारण, गरीब, दलित परिवारों के डेढ़ सौ बच्चों ने अब तक तैराकी की राष्ट्रीय स्तर
की स्पर्धाओं में भाग लिया।
खेल के क्षेत्र में
ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडिय़ों को अवसर देने हेतु समय-समय पर खेल संघों द्वारा चयन शिविर का
१९८९ में मध्यप्रदेश स्टेट ओपन एम्योचोर एथलेटिक्स मीट के आयोजक सचिव रहे।
१९९३ में मध्यप्रदेश स्टेट ओपन एक्वेटिक मीट के आयोजक सचिव व इसी वर्ष बैग्लोर की नेशनल
अभिरूचि
वन प्रान्तर का भ्रमण आदिवासी जन जीवन- वन्य जीव व पर्यावरण का अध्ययन।
अखबारों/पत्रिकाओं में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व समसामयिक मुद्दों पर आलेख व
स्तंभ लिखना।
पौराणिक गं्रथों व मध्ययुगीन कवियों की रचनाओं का पुनर्पाठ
नए-नए व्यंजन बनाना व बागवानी
नई पुस्तकों का अध्ययन व विवेचन
इंटरनेट एक्सप्लोटेशन एन्ड सर्फिंग
नियमित ब्लॉग लिखना
सोशल मीडिया
इस तरणताल का उद्घाटन 1992 में तत्कालीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री स्व. श्री
आयोजन।
एक्वेटिक चैम्पियनशिप के लिए मप्र तैराकी टीम के जनरल मैनेजर।
www.facebook.com/jayram.shukla
@jayram_shukla
jayramshukla-google+
jayramshukla.blogspot.com
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शैक्षिक योग्यता -
एम.ए. (मध्ययुगीन इतिहास)
एल.एल.बी.
बी.एससी
बीजेसी (जर्नलिज्म एन्ड कम्युनिकेशन)
परिवार -
जन्म तिथि - १०.०५.१९६१
पिता - स्व. श्री राममणि शुक्ल
माता - स्व. श्रीमती सावित्री देवी
पत्नी - श्रीमती शशि शुक्ला (शिक्षिका)
पुत्र - कार्तिकेय शुक्ल (ढ्ढढ्ढढ्ढञ्ज में अध्ययनरत)
पुत्री - कीर्ति शिखा (विवाहित)
ज्योति शिखा (विवाहित)